2 February, 2025

27 साल पहले बिछड़े पति से महाकुम्भ में हुई मुलाकात: अनोखे मिलन की भावुक कहानी

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 कुम्भ के मेले में लोगों के बिछड़ने की कहानी तो आपने बॉलीवुड की फिल्मों में बहुत सुनी होगी, पर क्या कभी जीवन साथी के बिछड़ने और फिर 27 साल बाद कुम्भ मेले में मिलने की बात सुनी है? धनबाद शहर से 4 किलोमीटर दूर भूली स्टेशन के पास रहने वाली धनवा देवी और उनके बच्चों को प्रयागराज महाकुंभ में कुछ ऐसा मिल गया जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। धनबाद के रहने वाले गंगासागर यादव 1998 में पटना से लापता हो गए थे जिसके बाद से काफी तलाश के बाद भी उनकी कोई खबर नहीं मिल सकी। प्रयागराज महाकुंभ में आए परिवार को गंगासागर मिल गए हैं, लेकिन एक अघोरी के रूप मे ! 

27 साल बाद परिवार से मिले प्रयागराज महाकुंभ में अघोरी के रूप में!

गंगासागर की पत्नी धनवा देवी ने बताया कि 1998 में पटना से लापता होने के बाद गंगासागर अब 27 साल बाद महाकुंभ में मिले हैं तो एक अघोरी के रूप में और उन्होंने सभी परिवारजनों को पहचानने से इनकार कर दिया है। धनवा देवी ने कहा कि उनका पति अब अघोरी बन चुका है और उन्हे लोग बाबा राजकुमार के नाम से जानते हैं। बाबा राजकुमार की उम्र 65 साल है। उन्हे देखते ही उनकी पत्नी रो पड़ीं और उनसे घर लौट आने का आग्रह किया लेकिन गंगासागर ने पत्नी और बेटों की बात मानने से इनकार कर दिया।

वर्षों पहले धनबाद में बिछड़े बेटे और पत्नी की घर वापसी का आग्रह ठुकराया

धनवा देवी अपने दोनों बेटों और भतीजे के साथ प्रयागराज महाकुंभ आई थीं.वहीं उनके भतीजे ने पहली बार गंगासागर को देखा और परिवारजनों को इसकी सूचना दी। पहले तो परिवार को यकीन नहीं हुआ,फिर पत्नी और बेटों ने उनसे घर लौट आने का बहुत आग्रह किया। लेकिन साधु वेश धारण किए गंगासागर उर्फ बाबा राजकुमार ने कहा कि वे न किसी के पति हैं, न पिता! वे बस भोलेनाथ के लिए समर्पित हैं। बहुत मानमनुहार के बाद भी गंगासागर घर वापसी के लिए तैयार नहीं हुए और थकहारकर उनका परिवार उनके बिना ही धनबाद वापस लौट गया।  

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