संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए देश को विकसित भारत का संदेश दिया। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पांच लाख 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ हुआ है। इसके लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है। इन्हें हर वर्ष पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलेगा।
रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस
उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस किया है। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्या लक्ष्मी योजना शुरू की गई है। एक करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी दिए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में, यानी महिला के नेतृत्व वाले विकास में विश्वास करती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। देश की 10 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को इसके साथ जोड़ा गया है।
आर्थिक सशक्तिकरण पर कही यह बात
राष्ट्रपति ने कहा, ‘सहकारी सेक्टर के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के फलस्वरूप रोजगार के अनेक अवसर सृजित हो रहे हैं। वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।’ उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी हमारे जिस जनजातीय एवं आदिवासी समाज की उपेक्षा होती रही, मेरी सरकार ने उसके कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘पीएम-जनमन योजना’ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विशेष राष्ट्रीय मिशन चलाकर आदिवासी समुदाय की सिकल सेल से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत लगभग पाँच करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।