महाराष्ट्र में 24 दिनों में 12 बाघों की मौत हो गयी है। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 1 जनवरी 2025 से पांच बाघों की मौत प्राकृतिक रूप से, 4 बाघों की मौत दुर्घटना में और 3 बाघों की मौत शिकार की वजह से हुई।बाघों की बढ़ती मौत पर वन्यजीव प्रेमियों ने चिंता जताई है। वही महाराष्ट्र सरकार ने आकस्मिक मौतें रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश भी दिए हैं। आकड़ों की मानें तो साल 2024 में महाराष्ट्र में 23 बाघों की मौत हुई थी। अब 2025 में महज 23 दिनों में 12 बाघों की मौत से चिंताजनक स्थिति बन गई है।
महाराष्ट्र में हैं सबसे ज्यादा टाइगर
महाराष्ट्र में सबसे अधिक बाघ होने का रिकॉर्ड है। महाराष्ट्र में 446 बाघ दर्ज किए गए हैं। राज्य के 446 बाघों में से 206 से 248 बाघ अकेले चंद्रपुर जिले में हैं। इनमें ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में 87 से 91 बाघ, ब्रम्हपुरी वन प्रमंडल में 53 से 66, मध्य चंदा वन प्रमंडल में 10, वरोरा-भद्रावती वन प्रमंडल में 13, राजुरा संभाग में 2 और कन्हलगांव अभयारण्य में 26 से 43 बाघ हैं।