2 February, 2025

नए साल के मौके पर जानें अंग्रेजी कैलेंडर लागू करने का इतिहास

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आज नए साल का पहला दिन है। नए साल के जश्न को लोग जमकर मना रहे हैं। इस ख़ास अवसर पर आईये जानतें हैं अंग्रेजी कैलेंडर का इतिहास। भारत में अंग्रेजी कैलेंडर (English Calendar) यानी ग्रिगोरियन कैलेंडर पूरी तरह से 1858 में लागू किया गया। जब इसे लागू किया गया था तब इसका बहुत विरोध हुआ था। क्योंकि अंग्रेज सरकार ने सरकारी कामकाज और अन्य कामों में इसे लागू करने का फैसला किया था।  हिंदू और मुसलमानों ने इसका जमकर विरोध किया था। हिंदू संगठनों ने तो इसके खिलाफ आंदोलन ही छेड़ दिया था।

अंग्रेजी कैलेंडर का इतिहास  

भारत में ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar History) को 1752 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपनाया गया था। उसी साल इसे ब्रिटेन में लागू किया गया था। हालांकि तब ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रभाव क्षेत्र देश में उतना नहीं था, जितना बाद के कुछ दशकों में होता चला गया। तब ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने कब्जे वाले इलाकों में प्रशासनिक और व्यापारिक कामों को सरल और मानकीकृत करने के लिए लागू किया। 100 साल बाद इसे 1858 में पूरी तरह से लागू कर दिया। तब भारत में सारा कामकाज ग्रिगोरियन कैलेंडर से ही होने लगा।

क्यों हुआ था English Calendar का विरोध

भारत में ग्रिगोरियन कैलेंडर को अपनाने का विरोध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कारणों से हुआ। भारत में पहले से ही विक्रम संवत, शक संवत, और अन्य पारंपरिक पंचांगों का उपयोग होता था, जिसके जरिए धार्मिक त्योहार, सामाजिक काम और कृषि आधारित समय का निर्धारण होता था। लिहाजा भारतीय संस्कृति के लिहाज से हमारा पारंपरिक कैलेंडर ज्यादा महत्वपूर्ण था। ग्रिगोरियन कैलेंडर को अपनाने से पारंपरिक कैलेंडरों के महत्व में कमी आई, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाएं आहत हुईं और लोगों ने इसका खूब विरोध किया।

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